वो ख़ुशी के चाँद लम्हे अब याद आ रहे हैं,
कुछ आसुओं के साथ यह फ़रियाद गा रहे हैं। फिर अपनी मुलाक़ात चाहे जहां भी होगी,
यह दोस्ती हमारी इस दिल औ जान में होगी।।
कुछ आसुओं के साथ यह फ़रियाद गा रहे हैं। फिर अपनी मुलाक़ात चाहे जहां भी होगी,
यह दोस्ती हमारी इस दिल औ जान में होगी।।
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