Tuesday, January 26, 2010

Kyaa Aaj Bhi Wo Din Aayega??

जब करते थे जय हिंद जय हिंद,
करते थे प्राणों को छिन्न-भिन्न.
क्या आज भी वो दिन आएगा?
भारत की आन बचाएगा??

उर पर इसके नदियाँ-निर्झर,
जो करती हैं कल-कल झर-झर.
शश्य-श्यामला खेत हरे,
अंचल में हिम के उच्च शिखर.
पर प्रकृति का कर रहे नाश,
मानव के ये प्रतिघात प्रखर.
प्रकृति जीवन बच पायेगा??
क्या आज भी वो दिन आएगा???

है उन्नति के उच्च शिखर पर,
रख चुका मानव कदम चाँद पर.
पर भूख-ग़रीबी का ध्यान कहाँ?
शान्ति का देश में नाम कहाँ?
जनता का करते हैं शोषण,
ये चाटुकार और नेतागण.
मानव शोषण घट पायेगा??
क्या आज भी वो दिन आएगा???

4 comments:

  1. Excellent poerty. Good Man......
    Hats ON....

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  2. Thanks Anonymous1, please keep visiting & reading!!

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  3. Thanks Anonymous2, did you mean "Hats ON" or "Hats Off"?? LOL... Thanks again for reading & commenting, keep visiting!!

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