Friday, January 15, 2010

Car bina Bekaar, Car mili Sakaar

कार बिना बेकार हुए थे, कितने हम लाचार हुए थे,
सब कुछ था कुछ सूना-सूना, बैठे बजा रहे झुनझूना.
बाहर निकले खो जाते थे, या घर बैठे सो जाते थे,
जीवन का रंग फ़ीका-फ़ीका, कहते हैं इसको अमरीका!!


कार से सब साकार हुआ है, जीवन का संचार हुआ है,
ताक़त नयी मिली है जैसे, कोई हमको रोके कैसे.
घूमेंगे अब राजा बनके, कार भी चमके हम भी चमके,
जीने का अब नया सलीका, कहते हैं इसको अमरीका!!!

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