Friday, February 26, 2010

Meri Kavita... Happy B'day SIS!!

मेरी कविता अगर कभी साकार हुई तो
मधुर मोहिनी मधुऋतु बन कर
सुरभित, सुमनित, सुस्मित बन कर
मेरे मन की मरुस्थली पर
श्यामल बदली सी बरसेगी।
मेरी कविता अगर कभी साकार हुई तो
किसी फूल की पंखुरियों पर
ओस बिन्दु बन कर छलकेगी।

मूक हृदय के स्पन्दन में कितने कोमल भाव प्रतिध्वनित।
युगों युगों की सुप्त वेदना मेरे गीतों में प्रतिबिम्बित।
मेरी पीड़ा अगर कभी मुस्कान हुई तो
सागरिका की लहर लहर पर
शुभ्र ज्योत्सना सी थिरकेगी।
मेरी कविता अगर कभी साकार हुई तो .......।

इन्द्र धनुष के रंग सजाये एक मनोरम प्रतिछवि उज्जवल।
एक प्रेरणा, एक चेतना, संग संग चलती जो प्रतिपल।
मेरी यह अनुभुति कभी अभिव्यक्ति हुई तो
स्नेहसिक्त, गीली आँखों से
आँसू बन कर के ढलकेगी।
मेरी कविता अगर कभी साकार हुई तो .......।

कुछ करने की आकाँक्षा है, कुछ पाने की अभिलाषा है।
सारे स्वप्न सत्य होते हैं, जीवन की यह परिभाषा है।
मेरी आशा अगर कभी विश्वास हुई तो
हिमगिरि की पाषाणी छाती
से गंगा बन कर निकलेगी।
मेरी कविता अगर कभी साकार हुई तो .......।

कितना है विस्तार सृष्टि में, फिर भी कितनी सीमायें हैं।
सब कुछ है उपलब्ध जगत में, फिर भी कितनी कुंठायें हैं।
मेरी धरती अगर कभी आकाश हुई तो
अन्तरिक्ष में उल्का बन कर
टूट टूट कर भी चमकेगी।
मेरी कविता अगर कभी साकार हुई तो .......।
 
- विनोद तिवारी

Wednesday, February 10, 2010

Nanhi Jaan...

मैं जा रहा था पार्टी में
शानदार तैयार,
कि तभी मेरा पाँव
पड़ा उस नन्ही जान पर,
और बिना मुझे जान पड़े
शायद उसकी जान चली गयी.
पर मैं
अपने जूते निहार रहा था,
कि कहीं कोई दाग तो नहीं पड़ा.
और मैं आगे की ओर बढ़ा.
शायद यही कीमत है
हमारी नज़रों में उन लाचार छोटों की,
जिन्हें शायद उसी ने बनाया है
जिसने मुझे!!

Tuesday, February 2, 2010

Koshish Karne Waalon Ki Kabhi Haar Nahi Hoti


लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है।
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में।
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो।
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्ष का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम।
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

- हरिवंशराय बच्चन